'पुलवामा में हमारे वीर जवानों पर उन गद्दारों ने पीठ पीछे हमला किया और बड़ी संख्या में हमारे वीर जवान शहीद हो गए उन शहीद जवानों के भावपूर्ण आदरांजली और उनके प्रति ये रचना समर्पित..'
'सजा-ए -मौत'
ए दहशतवादी गद्दार साले पीठ पीछे वार करते है |
अरे हमारे मुल्क में मच्छर भी सामने से काटते है |
कैसे कहूँ दुर्भाग्य है उस धरती का जिसमे पैदा हुई ऐसी जिंदा लाशें |
हमारे गटर में पैदा हुए किडे-मकोडे भी है तुमसे बेहतर |
तुम जिंदा मुर्दों की बात क्या करें, तुम तो मानव जाती पर कलंक हो |
क्या औकात हैं तुम्हारी ? कभी पूछो अपने जन्म देने वाली माँ को, शरम आती होगी,पछताई होगी अपने आप पर जो पैदा हुआ ऐसा पाप अपनी कोकसें |
किसी कोने में छीपकर हमें धमकाने वाले..नहीं हम कुछ नहीं कहेंगे |
क्योंकी तुम्हे मालूम है,खुद अपने आपको तुम हो डरपोक
अपनी दुम टांगो में लेकर किसी आडसे भौंकनेवाले...
अरे हमारे घर के पालतू कुत्तेभी ईमानदारीसे जीते हैं और सामनेसे भौंकते हैं |
सामने आने की हिम्मत नही होती इसलिए पीछे से आते हो बार बार, पीठ पर वार करने की आदतें हैं तुम्हारी नामर्दो..
क्योंकी तुम्हें मालूम है,हाथ में बंदूक जरूर होती है पर मन मे वो हिम्मत नहीं |
बम गोलियोंकी ढाल बनाते है पर सीने मे वो धैर्य नहीं |
किसीके टुकडों पर पलनेवाले हरामी टुकड़ो की बाते करते है |
सामने आने की हिम्मत नही डरते है क्योंकि उन्हें मालूम है
यह अपने टुकडे टुकडे करके जमीन में गाड़ देते है |
इसलिए पीछेसे वार करतें हैं पर तुम क्या मारोगे हमें..
हम तो इस मिट्टी के लिए जीते हैं |
इस देश की मिट्टी के रज-कण में समाया हैं हमारा प्राण.
हम जीते हैं अभिमान से इस मिट्टी के लिए और मरते हैं कहाँ |
बलिदान देते है इस मिट्टी के वास्ते |
देश कि मिट्टी हमारा प्राण है | हमारें देश के लिए हमारा तन-मन -धन अर्पण है |
तुम हमें मारते नहीं,हम खुद हमारी धरती माँ के लिये मिटने को तैयार रहते है |
तुम क्या मारोगे हमें हमारी शहादत हमें अमर बना देती हैं |
हमारे बलिदानी खून के एक एक बूंद से तैयार होते हैं नौजवान हमारे देश की रक्षा के लिए |
कितनो को मारोगे तुम तुम्हारे जैसे टुकड़ो में नहीं बटे हम |
बल्की हम एक है और बलिदान पर खडा हुआ सारा ए देश हैं |
और इस देश ने ही सिखाया है हमें देश पर मर मिटने के लिए |
हम डरते नही किसी से,लढते है खडे होकर सामने से सामना करने का हौसला रख कर |
एक बार सिर्फ एक बार हमसे आमने-सामने का मुकाबला करके देखों,
माँ कसम तुम्हारी रूह भी अंदर से कांप उठेगी
अब वो दिन दूर नहीं गिनते रहो.. इंतजार की घड़ी पल-पल तुम्हारी मौत नजदीक ले आएगी..|
बदला तो जरूर लेंगे..
पीछे से वार करनेवालों.. तैयार रहना पीछे से नहीं सामने से तुम्हारी मौत चलकर आएगी |
सर्जिकल स्ट्राईक तो एक ट्रेलर था |
अब सजा-ए- मौत पूरी की पूरी होगी |
जय हिंद ! वन्दे मातरम !!
-किरण चव्हाण
८८०६७३७५२८.
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